"अन्तरंग" याने मेरे दिल का कोना,जो अब तक अ:जन्मा–अनकहा कही जी रहा था, मेरे एहसासों को शब्द मिले और इन् शब्दों से मुझे एक् पहचान मिली!
You have entered the world of InnerSoul …!
You’ll find positive, Motivational thoughts... In poetry few are written by Me n others too & Some r Translated also. I feel that thoughts heighten the awareness of our feelings & world around us.
शुक्रिया ...
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हम्म सुक्रिया की तुम मेरी भी दोस्त हो ..क्या लिखू और कितना ..सब कम है रे ..जिस तरह सिर्फ खाना पकाने से काम नहीं चलता उसको अच्छे से परोसना भी एक कला है .ठीक वैसे तुम अपनी कविताये तो लिखती ही अच्छी हो उसको जिस तरह पेस करती हो वो भी तारीफे काबिल है गोलू ..अब तुम्हारे लिए हर सब्द कम लगते है ..ऐसे ही और अच्छे और अच्छी कविताये लिखो यही कामना है सुक्रिया
हम्म सुक्रिया की तुम मेरी भी दोस्त हो ..क्या लिखू और कितना ..सब कम है रे ..जिस तरह सिर्फ खाना पकाने से काम नहीं चलता उसको अच्छे से परोसना भी एक कला है .ठीक वैसे तुम अपनी कविताये तो लिखती ही अच्छी हो उसको जिस तरह पेस करती हो वो भी तारीफे काबिल है गोलू ..अब तुम्हारे लिए हर सब्द कम लगते है ..ऐसे ही और अच्छे और अच्छी कविताये लिखो यही कामना है सुक्रिया
आप को ब्लाग सबसे अलग लगा...कविता तो अच्छी है ही....आप ने अपने ब्लाग को किस तरह सजा रखा है वाह...क्या इसका राज हमें भी बतायेंगी कि कैसे क्लिक से पाठ्य रचना आ जाती है?कैसे इसे सुन्दर बैकग्राउण्ड में लिखते हैं?
15 comments:
bahot badhiyaa...
pyaar,ehsaas,khushi vastwik swaroop mein shabdon se upar hote hain,jinhe sirf mahsoos kiya jaa sakta hai........
bahut uchchstariye bhaw
किसी के होने के ehsaas को khoobsoorat shabdon में sajaaya है ........... lajawaab
नेह के रिश्तो़ को जिस कोमलता के साथ स्वीकार किया और दुलारा है सचमुच अद्भुत है. किसी का होना और किसी किसी क हो जना भी तो एक अह्सास ही तो है.
wahhhh...
dil ko chu jane vale ahsas
bahut sundar
prem aur uski abhivyakti ka sundar chitran
हम्म सुक्रिया की तुम मेरी भी दोस्त हो ..क्या लिखू और कितना ..सब कम है रे ..जिस तरह सिर्फ खाना पकाने से काम नहीं चलता उसको अच्छे से परोसना भी एक कला है .ठीक वैसे तुम अपनी कविताये तो लिखती ही अच्छी हो उसको जिस तरह पेस करती हो वो भी तारीफे काबिल है गोलू ..अब तुम्हारे लिए हर सब्द कम लगते है ..ऐसे ही और अच्छे और अच्छी कविताये लिखो यही कामना है सुक्रिया
हम्म सुक्रिया की तुम मेरी भी दोस्त हो ..क्या लिखू और कितना ..सब कम है रे ..जिस तरह सिर्फ खाना पकाने से काम नहीं चलता उसको अच्छे से परोसना भी एक कला है .ठीक वैसे तुम अपनी कविताये तो लिखती ही अच्छी हो उसको जिस तरह पेस करती हो वो भी तारीफे काबिल है गोलू ..अब तुम्हारे लिए हर सब्द कम लगते है ..ऐसे ही और अच्छे और अच्छी कविताये लिखो यही कामना है सुक्रिया
Manobhawo ki sundar avivyaqti.
kuch hai jo dil mein muskurata hai
vala stanza kitna khoobsurat hai
wahhhh
sachmuch
pure an se likha gaya hai
baahut gahraai se ehsaas ko shabdo me dhala hai.kavita ki theme bhi do hai .background ne kavita ke bhavo ko doguna kar diya hai.badhai.
bahot hi pyar bhare ahsas hai preeti...
shabd aur soch se pare....
sundarabhivyakti pyare ahsaso ki...
love uu
आप को ब्लाग सबसे अलग लगा...कविता तो अच्छी है ही....आप ने अपने ब्लाग को किस तरह सजा रखा है वाह...क्या इसका राज हमें भी बतायेंगी कि कैसे क्लिक से पाठ्य रचना आ जाती है?कैसे इसे सुन्दर बैकग्राउण्ड में लिखते हैं?
bahut khubsurat panktiyan jo sidhe dil ko chhuti hai...mujhe aapka blog bahut achha laaga...mere blog par aapka swagaat hai...
bahut achhi dil se nikli hui kavita ke liye badhayi
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