You have entered the world of InnerSoul …!


You’ll find positive, Motivational thoughts... In poetry few are written by Me n others too & Some r Translated also. I feel that thoughts heighten the awareness of our feelings & world around us.

रिश्ते ...

यह पोस्टिंग पढने के लीये "design" पर क्लिक करें ...!

13 comments:

रश्मि प्रभा... said...

रिश्तों के हर रूप की बानगी बहुत ही प्यारी ,सशक्त,दिल तक उतरती.........

નીતા કોટેચા said...

kahi bandhan...to kahi mukti..hai rishte...kahi nishvarth bhav hai rishte...

wah bahot badhiya...

Anonymous said...

रिश्ते ऐसे ही अपने आप बन जाते हैं..और उन रिश्तो को तुमने अच्छी तरह समझ लिया है.....जिसका प्रतिक यह कविता है.......सच मुच रिश्तो कि सच्चाई.......

richa singh said...

रिश्ते कांच के बने होते हैं...टूटने पे चुभते हैं....
हतेली पर संभाल कर रखना इन्हें......क्यूंकि ये टूटने में "पल"
और जोड़ने में "बरसो" लेते हैं.....

M.L.S said...

प्यार का शबनमी एहसास है रिश्ते, अटल- अविचल विश्वास है रिश्ते .
इन दो पंक्तियों ने ही रिश्ते की पूरी परिभाषा दे दी है , इस उच्च
स्तर की कविता के लिए बहुत बहुत बधाई .

anubhooti said...

रिश्तों को परिभाषित करती पंक्तियाँ.. सभी को अपने मन में झाँकने को मजबूर करती हैं..

ज्योत्स्ना पाण्डेय said...

हर रिश्ता एक किताब होता है ,ये पढ़ने वाले पर निर्भर करता है कि उसे कितना और कैसे पढ़ा है .......
तुम्हारी अनुभूति को मेरी शुभकामनाएं .......

Unknown said...

प्रीति जी रिश्तो की इतनी सुन्दर और गहरी विवेचना. बहुत खूब. आप बडॆ मन से लिखती है.

संत शर्मा said...

निभाओ सच्चे दिल से,
तो सात जन्मो का सार है रिश्ते |

बहुत सुन्दर, रिश्तों के विभिन्न आयामों को बड़ी कुशलता से व्यक्त किया है आपने |

anita agarwal said...

bahut achcha likha hai, aur mujahe yaad ati hai ek rachana jo kabhi likhi thi meine..."rishton" pe.......

ये रिश्ते भी कितने अजीब होते हैं …….
कभी मृत तो कभी सजीव होते हैं …..
कहीं, तन मन पर अधिकार हो ,
हर पल का साथ स्वीकार्य हो
फिर भी वो रिश्ते निर्जीव होते हैं …….
और कभी, कहीं कोई बंधन ना हो ……
सिर्फ स्मृतियों का स्पंदन हो ……
वो सम्बन्ध , ह्रदय के सबसे करीब होते हैं ………

श्रद्धा जैन said...

Preeti Rishte ka har roop likha hai aapne

bahut achha

Unknown said...

Dee I am really happy to see your creativity. Acha lagta hai ye dekh ke ki aap apne time ka ache se utilization kar rahe ho...

Keep going all the best..

Namaste

Unknown said...

पहले जब हम दिल्ली जाते थे तो इस्तेहार पढते थे रिश्ते ही रिश्ते
आज कविता पढी
रिश्तो के विविध आयामो को अपने मे समेटे
कविता बहुत बढिया है
नये साल की शुभकामना