"अन्तरंग" याने मेरे दिल का कोना,जो अब तक अ:जन्मा–अनकहा कही जी रहा था, मेरे एहसासों को शब्द मिले और इन् शब्दों से मुझे एक् पहचान मिली!
You have entered the world of InnerSoul …!
You’ll find positive, Motivational thoughts... In poetry few are written by Me n others too & Some r Translated also. I feel that thoughts heighten the awareness of our feelings & world around us.
यह लड़की ...
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लड़की स्वयं ही भीगी है प्रेम से,,,,,,, सारोबार है प्रेम से, तो उदासी सी क्यों झलक रही है? वो तो प्रेम का अनंत सागर है..उसका प्रेम अगर किसी को न मिले तो उसे होना चाहिए उदास.
मैं जिसे आग कहूँ ,उसमे उसे शहद क रंग नज़र आता है अलग अलग सोच है पर सार वही है उसे इश्क है मुझे प्रेम है नाम अलग है पर जज्बा वही है मेरे डर मे मोहब्बत है और उसके इंतज़ार मे! मुझे इल्म है ज़ख्मों की गहराई का उसे चाह है इश्क की आग की मै सुनती हूँ आवाज़ तूफानों की डरती हूँ कहीं खो न जाए हर ख्वाब बस एक ही पल मे चाहे जितना खौफ हो चाहे जितना दर्द.. हमें पता है हमारा नसीब एक तो हमें होना है की कहीं जिस्म भी जिंदा रह सका है रूह के बिना की सुना कभी कोई फूल हो खुशबू के बिना या कोई आँख हो अश्क के बिना अंदाज़ अलग हो या सोच, मज़हब अलग हो या परंपरा रिश्ता तो दिल का दिल से ही हैऔर रहेगा विचार प्रतिकूल हुए तो क्या भावना तो सबमें एक ही निहित है.......... ek larki ka man ..........
14 comments:
ख़ुशी होती है ,जब कविता के शब्द अंतर्मन को झिंझोड़ते हुए , अस्तित्व की परिभाषा बन जाते हैं ,शुभकामनायें
Khubsurat
jitni achchi rachna utna hi achcha uska andaaj,,waah bhot khub,,,
thodi si ....achchi hai ye ladki
thodi si..naadaan hai ye ladki
thodi si..sharmaati hai ye ladki.
thodi si ..rachna jesi hai ye ladki
yani kul mila kar bhot hi bahtareen rachna usse bhi jada achcha is ka style waah...
Deepak "bedil"
bahot..bholi...nadan..masoom
aur badi hi pyari hai ye ladki....!!
bahot sundar...!!!
क्यूँ उदास है यह लडकी,
उसके दामन में खुशियों की सौगात है,
निश्छल व्यवहार है....कोई कहीं है,यकीनन
सबको खुद में समा लो...
फिर प्यार से भर जायेगी वो लड़की...और भी ज्यादा ...
प्रेम को मत ढूढ़ो यहाँ वहा..
प्रेम तो खुद के भीतर है ओ नादान लड़की..
परा बहोत बढ़िया प्रीती..लगे रहो जी ..
लड़की स्वयं ही भीगी है प्रेम से,,,,,,, सारोबार है प्रेम से, तो उदासी सी क्यों झलक रही है?
वो तो प्रेम का अनंत सागर है..उसका प्रेम अगर किसी को न मिले तो उसे होना चाहिए उदास.
सादगी लिए हुए सुन्दर और उत्कृष्ठ रचना.....
प्रीती जी आप बहुत ही अच्छा लिखती हैं......
अक्षय-मन
ye larki hai kya re baba
............... kya andaz bayan kiya aapne apne andar ki larki ka .......... bahut khub
मैं जिसे आग कहूँ ,उसमे उसे शहद क रंग नज़र आता है
अलग अलग सोच है पर सार वही है
उसे इश्क है मुझे प्रेम है
नाम अलग है पर जज्बा वही है
मेरे डर मे मोहब्बत है और उसके इंतज़ार मे!
मुझे इल्म है ज़ख्मों की गहराई का
उसे चाह है इश्क की आग की
मै सुनती हूँ आवाज़ तूफानों की
डरती हूँ कहीं खो न जाए हर ख्वाब बस एक ही पल मे
चाहे जितना खौफ हो चाहे जितना दर्द..
हमें पता है हमारा नसीब एक तो हमें होना है
की कहीं जिस्म भी जिंदा रह सका है रूह के बिना
की सुना कभी कोई फूल हो खुशबू के बिना
या कोई आँख हो अश्क के बिना
अंदाज़ अलग हो या सोच, मज़हब अलग हो या परंपरा
रिश्ता तो दिल का दिल से ही हैऔर रहेगा
विचार प्रतिकूल हुए तो क्या
भावना तो सबमें एक ही निहित है.......... ek larki ka man ..........
कही सावन बरसते हैं,
कहीं नयना बरसते हैं।
कहीं पर हम तरसते है,
कहीं पर वो तरसते हैं।।
खुद ही प्रेम है खुद ही गीत है
खुद सपना और खुद सन्गीत है
लडकी खुशी भी है और गम भी
वो खुद आशा है और निरश भी
WOW YAR KYA LIKHA HEIN!!!
ईस लड़की को हम भी मिले हें,
यहीं कहीं आपने ख्यालो में ,
या हर नुकड़ पर,
हर गली और हर SHAKHI में!!
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